एनएसयूआई और झामुमो छात्र संगठन ने किया नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध, परीक्षा नियंत्रक का पुतला दहन
मेदिनीनगर: एनएसयूआई और झामुमो छात्र संगठन ने किया विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध, परीक्षा नियंत्रक का पुतला दहन
मेदिनीनगर/पलामू: एनएसयूआई और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के छात्र संगठन ने मंगलवार को नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय (एनपीयू) के परीक्षा विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय में चल रही अनियमितताओं और परीक्षा से संबंधित समस्याओं के विरोध में किया गया। छात्रों ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक का पुतला दहन कर अपनी नाराजगी जताई।
मुख्य मुद्दे:
इस प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे थे:
- यूजी स्नातक सत्र 2023-27 के फर्स्ट सेमेस्टर परीक्षा की स्थगितीकरण
- बैकलॉग और जेनरिक परीक्षा की अनियमितता
- बीएड और अन्य सभी सत्रों को नियमित करने की मांग
- आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बकाया भुगतान की समस्या
एनएसयूआई पलामू छात्र संगठन के नेतृत्व में किए गए इस प्रदर्शन में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
छात्रों का बयान:
एनएसयूआई पलामू के छात्र नेता ने कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही और अनियमितताओं के कारण छात्रों को अपने भविष्य को लेकर चिंता है। पहली सेमेस्टर की परीक्षा अभी तक नहीं हुई है, बैकलॉग और जेनरिक परीक्षा में भी देरी हो रही है। बीएड सत्र समेत सभी सत्रों को नियमित करने की आवश्यकता है।”
झामुमो छात्र संगठन के सदस्यों ने भी एनपीयू के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बकाया भुगतान को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है।
प्रदर्शन का विस्तार:
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में रैली निकाली और परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी मांगों को रखते हुए पुतला दहन किया। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपने विरोध को जारी रखेंगे।
छात्र नेताओं के विचार:
एनएसयूआई के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, “हमने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी समस्याओं को लेकर बातचीत की, लेकिन उनकी तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हमें मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा।”
झामुमो के छात्र प्रतिनिधि ने कहा, “हम अपने साथियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम और भी बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।”
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